×

क्या ए.आई. दुनिया को बदल देगा

किस तरह ए.आई. हमारी जिंदगी को बदल सकता है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हमारे जीवन को किस तरह बदलेगा और इस टेक्नोलॉजी का प्रभाव अच्छा होगा या बुरा यह तो आने वाले समय में ही निर्धारित किया जा सकता है|



क्या ए.आई. दुनिया को बदल देगा

एन.एस.ओजे. ब्यूरो

मनुष्य के रोजगार एवं जीवन शैली पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स का प्रभाव हमेशा से एक महत्वपूर्ण विषय रहा है|

मिस मणिमोझी थियोडोर, डिफेंस बायोइंजीनियरिंग एवं इलेक्ट्रो मेडिकल लैबोरेट्री के डायरेक्टर है|उन्होंने लोगों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और समाज पर होने वाले इसके प्रभाव के बारे में कुछ महत्वपूर्ण सूचनाएं दी| इक्यूमेनिकल क्रिश्चियन सेंटर वाइटफील्ड में आयोजित 26th एम.ए. थॉमस मेमोरियल लेक्चर के दौरान मिस थियोडोर ने कहा, भविष्य की कक्षा को ए.आई प्रगति के माध्यम से उन्नत शिक्षण पद्धति के लिए युक्त किया जाएगा,और यह भी कहा कि, किस तरह यह टेक्नोलॉजी भविष्य में विकलांग बच्चों के लिए भी लाभदायक होगा|

मिस थियोडोर कहती हैं ”जब टीवी और मीडिया आया तभी से लोग प्रभावित होना शुरू हुए| कैसे मोबाइल फोन ने समाज को जकड़ लिया है और बच्चों के बीच गेम्स की लत को लेकर विशेष रूप से इसकी दुरुपयोगिता है”| इसी बात पर मिस थियोडोर ने कहा| जिस प्रकार "पेन एक बहुत ही उपयोगी उपकरण है यदि आप जानते हैं कि इसका उपयोग कैसे करना है" | इसी प्रकार टेक्नोलॉजी स्वयं में अच्छी या बुरी का पात्र नहीं होती जब तक हमें यह नहीं पता हो कि हमें इसका उपयोग कैसे करना है,अगर मनुष्य अच्छे काम के लिए इसका उपयोग करें तो उनके लिए सकारात्मक मार्ग का कार्य करेगा|

रोबोट रेस्टोरेंट

"बेंगलुरु रोबोट सर्विस रेस्टोरेंट देश का दूसरा रेस्टोरेंट है, जहां रोबोट आपकी सेवा में होंगे|आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी को बनाने का महत्वपूर्ण उद्देश्य है ह्यूमन फोर्स को कम करना" मिस थियोडोर ने कहा| बेंगलुरु के इंदिरानगर रोबोट सर्विस रेस्टोरेंट में 6 महिला रोबोट कस्टमर्स को खाना परोसती है|और इन रोबोट को चलाने के लिए हमें ह्यूमन की भी जरूरत होती है|

वही एक और वक्ता एंड्रयू ब्रिग्स, जो नैनोमेटेरियल्स और क्वांटम रियलिटी (ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ,यू.के.)के प्रोफेसर है| उन्होंने एक वीडियो दिखाया, जिसमे ड्रोन के जरिए एक विश्वविद्यालय के कई छात्रों की जान ली गई | वहीं रोबोट के जरिए इन ड्रोन को निष्क्रिय किया जा सकता था| "ऐसी जगहों पर, जहां मनुष्य का काम करना कठिन हो और जोखिम की आशंका हो, वहां पर रोबोट को भेजकर उस काम को पूरा किया जा सकता है" प्रोफेसर ब्रिग्स ने कहा|

क्या ए.आई. से बेरोजगारी भी हो सकती है? अंत में दर्शकों से बातचीत के दौरान, मिस थियोडोर ने कहा, "जिस तरह मोबाइल के समाज में आने से लोगों के रोजगार में प्रभाव नहीं पड़ा, वैसे ही रोबोट के आने से भी समाज में लोगों के रोजगार पर प्रभाव नहीं पड़ेगा|"

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को उन्नत बनाने की मुख्य भूमिका यह है कि जिस कार्य को इंसानों द्वारा करने में कई महीने लग जाते हैं,वह इन मशीनों के जरिए जल्द किया जा सकता है|


All stories that are reported, edited and published on this platform are original, produced by the students and faculty of National School of Journalism, sometimes contributed by guest faculty and speakers. If you would like to contribute, please email us at tannoy@nsoj.in NSoJ is a news organisation and a highly-selective Journalism school that trains India’s best journalistic talents to become ethical journalists who care deeply about truth, justice and democracy. If you are passionate about journalism and care about the core values of journalism as we do, please apply for a place in one of NSoJ’s programmes - Bachelor of Arts or PG Diploma in Journalism at www.nsoj.in.